जैन समाज के अनुयायी कई सालों से ऐसी कवायद में जुटे हैं, जिससे जैन साहित्य न केवल सुरक्षित है, बल्कि वह आम लोगों के लिए भी सुलभ है। अकबर बादशाह ने आचार्य हीरविजय के अहिंसा के सिद्धांत से प्रभावित होकर पर्युषण पर्व के दौरान पूरे देश में हिंसा पर रोक लगाने का जो फरमान खत के रूप में जारी किया था, वह आज धरोहर के रूप में संरक्षि
via जागरण धर्म समाचार
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