अपने हितों को नजरअंदाज कर सच्चाई और ईमानदारी के साथ खड़े होने वाले साहसी मंजूनाथ से हम परमार्थ की शिक्षा ले सकते हैं..। सच्चाई, ईमानदारी, साहस.. ये शब्द हमें किताबी लगते हैं। दरअसल, हमने यह मान लिया है कि किताबों की बातें आचरण में उतारने के लिए नहीं होती हैं, बल्कि के
via जागरण संत-साधक
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