अगस्त्यमुनि केदारधाम यात्रा का प्रथम पड़ाव ही नहीं, एक खूबसूरत कस्बा भी है। बहुत पुराना, मगर ठेठ नए अंदाज वाला। आपदा में बुरी तरह उजड़ने के बावजूद। इससे भी अच्छी बात यह है कि यहां के लोग बड़े आत्मीय हैं। यह वही कस्बा है, जिसने आपदा के दौर में मुझे तब पनाह दी, जब मैं मूसलाधार बारिश में भीगा ढलती शाम रुद्रप्रयाग लौटने के लिए किसी ट
via जागरण धर्म समाचार
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