गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर इसी जगह कभी आबाद बस्ती रामबाड़ा हुआ करती थी। आपदा के बाद इसका नामो-निशान नहीं बचा। जिसने रामबाड़ा देखा था उसे विश्वास नहीं हो रहा और जिसने नहीं देखा, वह मानने को तैयार ही नहीं कि जिन चट्टानों के बीच मंदाकिनी शांत रूप में बह रही है, वहां कभी खुशहाल बस्ती हुआ करती थी। देखने वाले तो
via जागरण धर्म समाचार
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