पहला पत्थर, आदमी की उदरपूर्ति में उठा, दूसरा आदमी द्वारा आदमी के लिए उठा, तीसरे पत्थर ने उठने से इन्कार कर दिया, और. आदमी ने उसे देवता बना दिया।' 11वें ज्योतिर्लिग भगवान केदार के मंदिर को महाविनाश में बचाने वाली चट्टान ही यह तीसरा पत्थर है, जिसे आस्था ने 'दिव्य शिला' नाम दिया। आज हर यात्री ज्योतिर्लिग के
via जागरण धर्म समाचार
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