जहां धर्म है वही मानवता, सद्गुण व सद्भाव है। जहां अधर्म होगा वहीं पर भ्रष्टाचार, लूटमार व अराजकता प्रबल होगी। धर्म के बिना मनुष्य जीवन को पशु तुल्य है।उक्त उद्गार वेदाचार्य दंडी स्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज ने प्रकट किए। वे बुधवार को सर्कीतन भवन में श्रद्धालुओं को प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गीत
via जागरण धर्म समाचार
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