Loading...
Thursday, May 22, 2014

तीर्थ-यात्रा

एक दल तीर्थ-यात्रा पर जा रहा था। यह दल हर वर्ष तीर्थयात्रा पर जाता था, लेकिन उसके सदस्यों के विकार खत्म नहीं होते थे। दल के सभी सदस्य संत कवि तुकाराम जी के पास आए और उनसे भी साथ चलने का अनुरोध किया। तुकारामजी ने कहा कि अभी तो मैं नहीं जा सकता, लेकिन आप मुझसे यह कद्द




via जागरण संत-साधक

http://ift.tt/1lU7sWo

0 comments:

Post a Comment

 
TOP