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Wednesday, May 14, 2014

जीवन से छलावा बनी तीर्थ यात्रा

पिछले साल केदारघाटी का मंजर देखने के बाद मन में उत्कंठा थी कि एक बार फिर उन स्थानों को देखूं। आखिर कुछ बदला भी है या नहीं। चार मई को केदारनाथ के कपाट खुलने थे तो मुझे कवरेज के लिए कहा गया। पिछले अनुभवों से मैं जानता था कि यात्रा आसान नहीं। इसलिए दो मई को ही गुप्तकाशी की राह पकड़ ली। ऋषिकेश से 1




via जागरण धार्मिक स्थान

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