इस केदारधाम यात्रा के अनुभवों ने मेरी यह धारणा प्रबल कर दी है कि यात्रियों के लिए चुनौती प्रकृति नहीं, जिम्मेदारों की प्रवृत्ति पेश कर रही है। आप गुप्तकाशी में बैठकर अनुमान तक नहीं लगा सकते कि केदारनाथ धाम या यात्रा मार्ग में यात्रियों पर क्या गुजर रही है। प्रशासनिक मशीनरी की सक्रियता के बावजूद
via जागरण संत-साधक
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