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Monday, June 2, 2014

शहीदी गुरु पर्व, जपयो जिन अरजनदेव गुरु

बोले सो निहाल के उद्घोषों से माहौल भक्तिमय हो रहा था। हारमोनियम और तबले की थाप के साथ गायी जा रही गुरुवाणी का एक-एक शब्द दिल की गहराइयों में उतरता जा रहा था। गुरुओं की वीरता जहां मन में शक्ति का अहसास करा रही थी, वहीं गुरु अर्जुनदेव के बलिदान की चर्चा ने संगत में लोगों की आंखें सजल कर दी। शहीदों के सरताज पंचम गु




via जागरण धर्म समाचार

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