कृपा भक्ति का सर्वश्रेष्ठ वरदान है। हम यह महसूस करें कि परित: कृपा बरस रही है। मोरारी बापू का चिंतन.. तुलसी दास और जगद्गुरु आदि शंकराचार्य दोनों ने सत्संग को आवश्यक माना है। शंकराचार्य कहते हैं, एक तो मनुष्य होना अपने आप में दुर्लभ घटना है, फिर उसमें मुमुक्षु भाव
via जागरण संत-साधक
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