जीवन में एक बार सच्चे मन से जो गुरु के दर्शन कर ले, उसकी आत्मा का कल्याण हो जाता है। भक्त सुख-दुख में एक सा रहता है, लेकिन अज्ञानी को जब सुख मिलता है तो वह उसमें फंसकर परमात्मा को भूल जाता है। संत निरंकारी मंडल के सत्संग में संत डॉ.केआर भट्ट ने यह उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सद्गुरु अंदर के प्रदूषण को ज्ञान
via जागरण धर्म समाचार
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