आंखों ही आंखों में सालभर का अर्सा गुजर गया, लेकिन केदारघाटी और बदरीनाथ क्षेत्र के गांवों की 'लाइफलाइन' को अब तक व्यवस्थित होने का इंतजार है। सरकार की चुस्ती देखिये कि वह आपदा प्रभावित इन क्षेत्रों में जीवन को पटरी पर लाने का दावा तो कर रही, लेकिन हकीकत यह है कि जिन नदियों और गाड-गदेरों पर बने पुल और झू
via जागरण धर्म समाचार
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