शास्त्रों में पितरों का ऋण उतारने के लिए महालया का विधान है जो भाद्र शुक्ल पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन (कुवार) कृष्ण अमावस्या तक रहता है। मान्यता है कि इन 16 दिनों में तर्पण और विशेष तिथियों पर श्राद्ध से पितर प्रसन्न होते हैं। इस बार महालया का आरंभ आठ सितंबर को तथा समाप्ति 23 सितंबर को पितृ विसर्जन से हो रही है।
via जागरण धर्म समाचार
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