Loading...
Monday, September 8, 2014

क्षमावाणी का महान पर्व

जैन धर्म के पुराणों के अनुसार क्षमा धरती का वरदान है। राग, द्वेष व प्रतिशोध का किसी के पास भी हल नहीं है। मनुष्य को सहज भाव से अपनी भूलों का पश्चाताप करना चाहिए और दूसरों के साथ-साथ अपने आपको भी क्षमा करते हुए अपने कर्मों को सुधारना चाहिए। इसलिए ...




via Web Dunia

http://ift.tt/1rsRVyi

0 comments:

Post a Comment

 
TOP