हरी मखमली घास के पड़ाव में रात्रि विश्राम के बाद नंदा पथ का अगला पड़ाव है पातरनचौंण्या। वैतरिणी (वेदिनी) कुंड से नौ किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण दूरी तय कर राजजात पातरनचौंण्या पहुंचती है। समुद्रतल से 12743 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित इस पड़ाव का नाम पहले निरालीधार था। माना जाता है कि 14वीं शताब्दी में कन्नौज के राजा जसधव
via जागरण धर्म समाचार
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