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Monday, September 1, 2014

कठिन राहों पर आनंद की अनुभूति

हरी मखमली घास के पड़ाव में रात्रि विश्राम के बाद नंदा पथ का अगला पड़ाव है पातरनचौंण्या। वैतरिणी (वेदिनी) कुंड से नौ किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण दूरी तय कर राजजात पातरनचौंण्या पहुंचती है। समुद्रतल से 12743 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित इस पड़ाव का नाम पहले निरालीधार था। माना जाता है कि 14वीं शताब्दी में कन्नौज के राजा जसधव




via जागरण संत-साधक

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