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Tuesday, April 30, 2013

सरयू स्नान के बाद ही होती अयोध्या की परिक्रमा

जलरूपेण ब्रंौव सरयू मोक्षदा सदा। नैवात्र कर्मशो भोगो रामरूपो भवेन्नर:।। अर्थात पावन सलिला श्री सरयूजल रूप में साक्षात ब्रंा हैं जो हमें मोक्ष प्रदान करती हैं। इनकी कृपा से जीव कर्मजन्य भोगों से मुक्त होकर रामरूप हो जाता है



via जागरण धार्मिक स्थान

http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-saryu-in-ayodhya-circles-occurs-after-bath-11693.html

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