Loading...
Tuesday, April 30, 2013

शिव: त्रिपुरारी का मनोहारी स्वरूप

त्रिपुर का अर्थ है लोभ, मोह और अहंकार। मनुष्य के भीतर इन तीन विकारों का वध करने वाले त्रिपुरारी शिव की शक्ति का पुराणों में प्रतीकात्मक वर्णन अभिभूत करने वाला है। जटाजूट में सुशोभित चंद्रमा, सिर से बहती गंगा की धार, हाथ में डमरू, नीला कंठ और तीन नेत्रों वाला दिव्य रूप किसके हृदय को आकर्षित न कर लेगा।



via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-shiva-11688.html

0 comments:

Post a Comment

 
TOP