जब कभी पाप और अनाचार बढ़ता है, तब भगवान को अवतार लेकर धरती पर आना पडता है। त्रिदेवों-ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से भगवान विष्णु पर संपूर्ण जगत के पालन का दायित्व है। इसी कारण हर युग में श्रीहरि को अवतार लेना पडा। सतयुग में भगवान विष्णु ने वराहावतार लिया था, जिसकी गणना उनके दस अवतारों में होती है।
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-vishnu-11691.html
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