मानव सभ्यता में आध्यात्मिक जिज्ञासा और प्रेरणा का कारण और परिणाम दोनों ही शिव हैं। शिव अनंत हैं। वे सार्वभौमिक और सार्वकालिक भी हैं। वे किसी एक सभ्यता के द्योतक नहीं हैं। वे तो सभ्यताओं के नियामक हैं। शिव स्वयं में एक संस्कृति हैं। एक ऐसी अनवरत धारा, जो अध्यात्म और दैविक शक्तियों के प्रति मानवीय जिज्ञासाओं का प्रतिनिधित्व कर
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-shiva-are-endless-10351309.html
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