बदरीनाथ मंदिर में गाई जाने वाली आरती लगभग 132 वर्ष पुरानी है। ऐसा दावा जिले के स्यूपुरी गांव के महेंद्र सिंह बत्र्वाल ने किया है। उनका कहना है कि इसकी हस्तलिखित पांडुलिपी आज भी सुरक्षित है। उनका दावा है कि उनके परदादा स्व. धनसिंह बत्र्वाल द्वारा हस्तलिखित आरती ही मौजूदा आरती की मूल कृति है।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-badrinath-temple-aarti-132-years-old-10454960.html
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-badrinath-temple-aarti-132-years-old-10454960.html
0 comments:
Post a Comment