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Thursday, June 6, 2013

अद्वैत वेदांत के प्रणेता याज्ञवल्क्य

महर्षि याज्ञवल्क्य का अद्वैत दर्शन हमें वृहदारण्यक उपनिषद में मिलता है। उन्होंने आत्मा को ही ब्रहमा की संज्ञा दी है। भारतीय दर्शन की जितनी शाखाएं हैं, सबका निचोड़ उपनिषदों में मिलता है। उपनिषदों में सबसे प्राचीन तथा आकार में सबसे बड़ा उपनिषद बृहदारण्यक है। इस उपनिषद के दार्शि



via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-yajnavalkya-father-of-advaita-vedanta-10454983.html

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