जो आपस में लड़ना सिखाए या हिंसा का संदेश दे, वह धर्म नहीं हो सकता। धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं, लेकिन निहित स्वार्थो की पूर्ति के लिए कुछ लोग धर्म के नाम पर देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-religion-unites-not-breaks-10454944.html
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