अमृतसर। स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा।स्वस्ति न पूषा विश्ववेदा॥स्वस्तिनस्तार्कष्यो अरिष्टनेमि।स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु।। इस मंत्र उच्चारण के साथ ही 201 वर्ष प्राचीन एवं ऐतिहासिक माता चिंतपूर्णी मंदिर में मेला प्रारंभ हो गया। वैदिक मंत्रों के बीच प्रकांड पंडितों ने हवन में आहुतियां अर्पित कीं। आस्था की भागीरथी में असंख्य भक्त अविरल भाव से बहते दिखाई दिए। श्रद्धा
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-mother-cintpuarni-faith-devotion-flow-of-bhagirathi-10648644.html
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