भगवान शिव कल्याणकारी देवता माने गए हैं। शंकर का तात्पर्य होता है कल्याण करना। अच्छे भाव से दूसरों की मदद करना और दूसरे के प्रति कल्याण की भावना रखना शिवत्व है। कल्याण की भावना होना ही शिव पूजन होता है। शिव पूजन में शक्ति और शिव दोनों की पूजा एक साथ की जाती है। भगवान शिव स्वयं त्याग की मूर्ति भी हैं। भक्तों पर प्रसन्न रह
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-philanthropic-and-welfare-shiwatw-10648668.html
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