कुषाण काल द्वितीय सदी में विदेशी भी शिव पूजा में विश्वास रखते थे। इसका पता गोकण्रेश्वर मंदिर में खुदाई में निकले दो हजार वर्ष पुराने शिलापट से चलता है। अब यह शिलापट संग्रहालय की शोभा बढ़ा रहा है। फिलहाल यह लोगों को देखने के लिए भी उपलब्ध नहीं है और संग्रहालय के गोदाम में रखा है। अंग्रेजों द्वारा मथुरा में खुदाई कराय
via जागरण धार्मिक स्थान
http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-goknreshwar-temple-foreigners-used-to-worship-shiva-10648650.html
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