औघड़दानी शिव का एक रूप सौंदर्य प्रेमी का भी है। इसमें भी बाल सौंदर्य उन्हें कुछ अधिक प्रीतिकर प्रतीत होता है। लोक गीतों में शिव के इस प्रीतिकर स्वभाव का विशेष व्यंजन गूंजता है। एक लोक गीत में बाल कृष्ण के रूप को निहारने की उनकी आतुरता को व्यक्त करता है। बाल कृष्ण का रूप ऐसा निराला है कि भक्ति शिरोमणी कह उठते है
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-shiva-came-to-the-door-of-mother-yashoda-10648661.html
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