देवघर। सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबाधाम केसरियामय हो गया। कांवरियों की भीड़ इस कदर उमड़ी कि व्यवस्था बौनी दिखी। दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटा- विश्व का सबसे बड़ा देवघर श्रवणी मेला आस्था, विश्वास और सामाजिक समरसता की अटूट मिसाल है। यहां सभी भक्तों की सुनवाई होती है। आध्यात्मिक नगरी देवघर के कण-कण में शिव विराजमा
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-babadham-faith-jnsailab-10625702.html
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