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Tuesday, August 6, 2013

रोजे का असल मकसद स्वार्थ से मुक्ति है

रमजान रहमतों का माह है। हजरत अबू हुरैरा ने पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से हदीस उद्धृत की है। जिसका भावार्थ यह है कि उन्होंने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सुना है कि जब रमजान शुरू होता है तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और शैतानों को बांध दिया जाता है। (पुस्तक सही बुखारी पृष्ठ 255) जन्नत के द



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-the-real-motive-is-fast-and-free-from-selfishness-10625681.html

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