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Monday, October 28, 2013

ओशो चिंतन: वस्तु पाने के लिए नहीं ऊबते, पाकर ऊब जाते

किसी भी काम से ऊब जाना हमारा बुनियादी गुण है। हम किसी चीज को पाने के प्रयत्न में नहीं ऊबते, बल्कि पाकर ऊब जाते हैं। इसीलिए गीता में श्रीकृष्ण ने सतत रूप से कर्तव्य करने की शिक्षा दी है। ओशो का चिंतन.. संसार के संयोग से जो तोड़ दे, दुख के संयोग से जो पृथक कर दे, अज्ञान से




via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-osho-meditation-the-object-is-not-to-get-bored-bored-there-10826892.html

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