अमावस की सघन काली रात में जुगनू सी चमकती दीपावली को पारंपरिक ढंग से मनाना आज लोग भूल चुके हैं। दीपावली आज तामझाम एवं हो-हल्ला बनके रह गई है। वास्तव में देखा जाए तो दीपावली नई रोशनी का संदेश लेकर आती है। पहले की दिपावली वह दिन जब इस त्यौहार की बेसब्री से प्रतीक्षा रहती थी। पूरे घर की साफ-सफाई, रंग रोगन करवाना, पूर
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-diwali-is-such-10826912.html
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