अपने आप में अनोखी कृष्ण लीला का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करती नागनथैया लीला। वर्षो से चली आ रही इस लीला का ढंग, उसका आधार आज भी पारंपरिक है। भक्त प्रवर गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा शुरू की गई लीला के दौरान पूरे समय तक काशी की गंगा यहां यमुना की भूमिका में आ जाती हैं। भक्त की टेक निभती हैं। वर्षो बीते, रहन-सहन बदला, लोग बदले
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-snake-nthaya-nine-budvn-a-game-haw-brother-10846150.html
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