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Friday, December 6, 2013

निधिवन: यहां आज भी आते हैं भगवान

निधि शब्द का अर्थ सूरत क्रीड़ा से है। ग्रंथों के अनुसार केलिविलास के कारण निशांतकाल में निधिवन के केलिकुंज में युगल (राधाकृष्ण) का शयन विलास होता है। आज भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्धरात्रि के बाद यहां रास रचाते हैं। फिर परिसर में स्थित रंग महल में शयन करते हैं। रंग महल में आज भी प्रसाद




via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-nidivan-there-are-still-god-10915736.html

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