राधा और कान्हा की लीला की पावन भूमि की रज भी चमत्कारिक है। बरसाने की धूल में भी मरहम है। ऐसा महरम जो सखियों की प्रेम पगी लाठियों की मार को भी पल भर में छू मंतर कर दे। लठामार होली के घाव को भरने वाली ये रज राधा जी के चरणों की है। जिसे दुनिया भर के लोग मस्तक पर लगाकर अपने धन्य कर रहे हैं। यहां तक कि
via जागरण धर्म समाचार
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