बांके बिहारी तेरी एक छवि निहारी, पीरी या कारी। यह कुछ समझ नहीं आया। रंगभरनी एकादशी पर बुधवार को बांकेबिहारी मंदिर में रंग बरसे और गुलाल उड़ा तो बादलों से ढका आसमां लाल हो गया। श्रीजी धाम की छटा अलौकिक नजर आने लगी। देसी-विदेशी सभी भक्त ठाकुर जी के रंग में रंगे थिरक रहे थे। प्रभु और भक्त के बीच दूरी
via जागरण धर्म समाचार
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