हनुमान जी सर्वदा 'राम काज करिबे को आतुर' रहते हैं। वे कर्म के देवता हैं और भक्त को भी अपना कर्म करने की शिक्षा देते हैं। चालीस चैपाइयों वाली तुलसीदास कृत रचना 'हनुमान चालीसा' न जाने कितने लोगों को मुंह जुबानी याद है। हममें से कई लोग इसका रोजाना पाठ भी करते हैं। इसलिए
via जागरण संत-साधक
http://ift.tt/1kroaOs
0 comments:
Post a Comment