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Tuesday, April 15, 2014

डमरुओं की गड़गड़ाहट से भोर तक गूंजता रहा दशाश्वमेध घाट

चैत्र शुक्ल चतुर्दशी तदनुसार सोमवार की रात तीसरे पहर जब घड़ियों ने ढाई बजाये तो दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला मंदिर प्रांगण सहस्त्र दीप शिखाओं वाली आरती के दिव्य प्रकाश में नहा उठा। घरी-घंटाल और दर्जनों डमरुओं की गड़गड़ाहट के बीच मंदिर के श्री महंत पं. शिव प्रसाद पांडेय ने भारी भरकम आरती पात्र को ज्यों ही पहला स्पंद




via जागरण धर्म समाचार

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