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Tuesday, August 19, 2014

मायके की खुशहाली को फिर आएंगी नौटी

'न मंत्रं नो यंत्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो, न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथा, न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं, परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणं।' (हे माते! मंत्र, यंत्र, स्तुति, आह्वान, ध्यान और स्तुतिकथा आदि के माध्यम से उपासना कैसे की जाती है, मैं नहीं जानता। मुद्रा तथा विलाप आदि के प्रयोग से तुम्हारा




via जागरण संत-साधक

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