पुत्र का पुत्रत्व तभी सार्थक माना जाता है जब वह अपने जीवन-काल में जीवित माता-पिता की सेवा करे और मरणोपरांत उनकी मृत्यु तिथि (बरसी) और पितृपक्ष में उनका विधिवत श्राद्ध करे। पुराणों में कहा गया है कि जब सूर्य कन्या राशि में आता है तब पितृ पक्ष शुरू होता है। मृत्यु के देवता यमराज जीव को मुक्त कर देते हैं। उस ग्रह योग (श्रवण पूर्णिमा
via जागरण संत-साधक
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