पितृपक्ष की अवधि में गया श्राद्ध की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। मेरे पिताजी, चाचाजी तथा मैंने भी गया श्राद्ध किया है। अब तो मेरा यह विश्वास दृढ़ हो गया है कि कट्टर से कट्टर नास्तिक भी यदि एक बार गया श्राद्ध कर लेगा तो उसकी भी आस्था पत्थर की लकीर की तरह दृढ़ हो जाएगी। लगभग 70-
via जागरण धर्म समाचार
http://ift.tt/1qIyGn2
0 comments:
Post a Comment