Loading...
Saturday, March 15, 2014

होली: सतरंगी समरसता का पर्व

होलिका दहन हमारे भीतर के अहंकार और अन्य बुराइयों को अग्नि में विसर्जित कर देने का प्रतीक है। अहंकार जाने के बाद ही हमारे भीतर प्रेम का उदय होता है और समाज में सतरंगी समरसता आती है व एकता मजबूत होती है। होली मित्रता- और एकता का पर्व है। इस दिन शत्रुता और द्वेषभाव भूलकर सबस्




via जागरण संत-साधक

http://ift.tt/1fyufCl

0 comments:

Post a Comment

 
TOP