लाखों की भीड़, सभी उन्मुक्त, विकार न लिप्सा, बस यही इच्छा कि जीवन शांतिपूर्ण रहे, सौहार्द की गाथा कहे। उन्नति हो-तरक्की हो, मान बढ़े-सम्मान बढ़े, निराशा खत्म हो, आशा को बल मिले, आनंद की अनुभूति हो, अपनेपन का अहसास हो। कुछ ऐसे ही मनोभावों को डीरेका इंटर कालेज के मैदान में शुक्रवार 'रंग दे बसंती' कार्यक्रम में आर्ट ऑ
via जागरण धर्म समाचार
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