'धौली जैसी फाट गौरा न स्यूंदाल गाड़ीले, कुऔ जैसी बाट गौरा न भ्यंटुली बांधिले, समुंदरी घाअ गौरा न घौंपेली बांधिले, सांकुरी लगैली देवी न मोत्यूं का झालर, पैर-पैर गौरा तू कानू का कुंडल, पैर-पैर गौरा तू फेण की घाघरी, पैर-पैर देवी तू रेशमी कांचुवा, पैर-पैर देवी तू मूंगा मोत्यूं हार।' (सस
via जागरण धार्मिक स्थान
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