उत्साह पथ पर भक्तों की कोटि-कोटि पूजा स्वीकार करने के बाद भगोती नंदा अपने अगले पड़ाव भगोती के लिए प्रस्थान करती है। कहते हैं कि भगवती नंदा का सबसे प्रिय स्थल होने के कारण इसका नाम भगोती पड़ा। यह नंदा के मायके का अंतिम गांव है। यहां से क्योर गदेरा पार करने के बाद उसके ससुराल (बधाण) का इलाका शुरू होता है। समु
via जागरण संत-साधक
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