हमारे मन में पहले से ही था कि आज राह दुश्कर है। समिति के पैंफलेट में भी इसका जिक्र हुआ है। कोटी के लोगों का भी यही कहना था कि यहां से भगोती का रास्ता काफी लंबा व चढ़ाई वाला है। सो, हम सुबह आठ बजे ही रास्ता लग गए। हालांकि, छंतोली 10 बजे कोटी से चली। खड़ी चढ़ाई तय कर हम घतोड़ा पहुंचे, जहां देवी के गणों
via जागरण धर्म समाचार
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