वाण की तरफ बढ़ते हुए हम लोहाजंग पहुंच चुके हैं। मेला लगा है यहां। नंदा घुंघटी और आली बुग्याल पर भी पहली बार नजर यहीं से पड़ती है, लेकिन फिलहाल वह बादलों की ओट में हैं। सो, हम भी इस मनमोहक नजारे को देखने से वंचित रह गए। इस बीच हमारी मुलाकात मुंदोली निवासी कै.गंगा सिंह बिष्ट से हुई। वह बता रहे हैं कि मुंदोल
via जागरण धर्म समाचार
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