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Saturday, September 6, 2014

राजहठ में 'पातरनचौंण्या' बनी 'निरालीधार'

स्वप्नलोक की वैतरणी (वेदिनी) पार कर आओ आनंद के लोक में प्रवेश करें। औषधीय जड़ी-बूटियों और ब्रह्मकमल की सुगंध से मन महकने लगा है। मैदानों में बिछे मखमली फूल और चमकदार जलधाराएं कठिन राह में भी आनंद की अनुभूति करा रही हैं। वेदिनी का सौंदर्य निहारते-निहारते पातरनचौंण्या के रहस्यलोक में पहुंचने को मन आतुर




via जागरण धार्मिक स्थान

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