राजजात दूसरे चरण में अपने पहले निर्जन पड़ाव की ओर बढ़ चुकी है। यह पड़ाव है समुद्रतल से 2722 मीटर की ऊंचाई पर गैरोली पातल। वाण से विदा लेने के बाद यात्रा निर्जन क्षेत्र से गुजरती है। प्रकृति प्रदत्त नयनाभिराम सौंदर्य से साक्षात्कार इसी पड़ाव के पश्चात आरंभ होता है। कहते हैं कि वाण से आगे रिणकीधार में नंदा ने अपने यात्र
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