राजजात अपने बारहवें पड़ाव में मुंदोली से ल्वाजिंग (लोहजंग), बांक, कुलिंग एवं कर्जाबगड़ होते हुए वाण पहुंचती है। लोहजंग में नंदा का चबूतरा, द्यौसिंह, काली, दानू व नंदा का मंदिर है। यहां बधाण क्षेत्र का विशाल मेला लगता है। यहां से आगे घने बांज-बुरांस के जंगलों से होकर राजजात वाण पहुंचती है, जो कि समुद्रतल
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